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हिंदुओं के पवित्र चार धाम किस राज्य में स्थित हैं?

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हिंदुओं के पवित्र चार धाम किस राज्य में स्थित हैं?

हिन्दू धर्म में चार धाम बहुत ही पवित्र स्थल माने जाते हैं। यह चार धाम चार तीर्थ स्थलों का समूह हैं जिनके बारे में ऐसा माना जाता है कि इनकी यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति करने में सहायता मिलती है। यह भी कहा जाता है कि प्रत्येक हिन्दू को अपने जीवन में कम से कम एक बार इन चार धामों की यात्रा करनी चाहिए। तो इस लेख में हम जानेंगे कि हिंदुओं के पवित्र चार धाम किस राज्य में स्थित हैं और हिन्दू धर्म में इनका क्या महत्त्व है।

चार धाम कौन से हैं?

आदि शंकराचार्य द्वारा चार तीर्थ स्थानों को चार धाम से परिभाषित किया गया है। यह चार धाम भारत के 4 कोनों पर स्थित हैं।

ये चार धाम निम्नलिखित हैं:

  • बद्रीनाथ
  • द्वारका
  • पुरी
  • रामेश्वरम

चार धामों के पीछे कि कथा

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, नर-नारायण जी श्री विष्णु भगवान के एक अवतार हुए। उन्होंने बद्रीनाथ क्षेत्र में घोर तपस्या की। उस समय बद्रीनाथ क्षेत्र बेर के वृक्षों से ढका हुआ करता था। संस्कृत में बेर को “बद्री” कहा जाता है। इस वजह से इस जगह को “बद्रिका वन” कहा जाता था। जिस स्थान पर नरनारायण जी तपस्या कर रहे थे उस जगह पर एक बड़े बेर के पेड़ ने उन्हें वर्षा और धुप से बचने के लिए ढका हुआ था।

ऐसा माना जाता है कि यह बेर का पेड़ माँ लक्ष्मी का ही एक रूप था जो भगवान विष्णु के रूप नर-नारायण जी को बचाने के लिए वहां पर प्रकट हुईं थी। इसलिए जिस स्थान पर नर-नारायण जी ने तपस्या की उसका नाम “बद्रीनाथ” पड़ा।

तपस्या पूर्ण होने के बाद नारायण जी ने माँ लक्ष्मी से कहा कि आपने मुझे बचाने के लिए एक वृक्ष का रूप लिया इसलिए भविष्य में जब भी मेरी नारायण के रूप में पूजा होगी तो साथ में आपकी भी पूजा होगी और मेरे नाम से पहले आपका नाम लिया जायेगा। इसलिए हिन्दू धर्म में लोगों द्वारा “लक्ष्मी-नारायण” की पूजा की जाती है। यह सत्य युग की बात थी। इस वजह से बद्रीनाथ पहला धाम बना।

दूसरा धाम रामेश्वरम बना। बात त्रेता युग की है जब भगवान राम ने भगवान शिव का एक विशाल शिवलिंग यहाँ स्थापित किया और भगवान शिव की पूजा की थी।

तीसरा धाम द्वारका को माना जाता है। बात द्वापर युग की है जब भगवान श्री कृष्ण अपने जन्म स्थान मथुरा को छोड़ कर के द्वारका में रहे और वहाँ का शासन किया।

चौथा धाम पुरी बना क्यूंकि भगवान विष्णु ने यहाँ पर जगन्नाथ भगवान के रूप में अवतार लिया था।

जब हिन्दू धर्म में चार धामों के बारे में ज्ञान विलुप्त होने लगा तो श्री आदि शंकराचार्य जी ने फिर से लोगों में इसके ज्ञान को जीवित किया था।

श्री आदि शंकराचार्य जी

हिंदुओं के पवित्र चार धाम किस राज्य में स्थित हैं?

आइए जानते हैं, यह चार धाम किन राज्यों में स्थित हैं।

बद्रीनाथ धाम (उत्तराखंड राज्य)

बद्रीनाथ धाम भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखंड में स्थित है। नीलकंठ चोटी की छाया में स्थित यह जगह साल में अधिकतर समय बर्फ से ढकी रहती है। मंदिर के कपाट भी एक निश्चित समय तक ही खुले रहते हैं।

बाकी के चार धाम पूरे वर्ष तीर्थ यात्रियों के लिए खुले रहते हैं। गढ़वाल पहाड़ियों में बसे इस स्थान के नज़दीक से अलकनंदा नदी गुज़रती है।

यहाँ पर दर्शन के लिए माणा, मातामूर्ति,व्यास गुफा,चरणपादुका और भीमकुण्ड जैसे दर्शनीय स्थान हैं। यहाँ पर जोशी मठ दो नदियों – अलकनंदा और धौलीगंगा के संगम के समीप स्थित है। यह मठ आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों में से एक है और चार धाम का यह शीतकालीन आसन है।

रामेश्वरम धाम (तमिल नाडु राज्य)

रामेश्वरम धाम भारत के दक्षिण में स्थित तमिल नाडु राज्य में है। यह वही स्थान है जहाँ से भगवान श्री राम ने राम सेतु की नींव रखी थी। रामनाथ स्वामी मंदिर भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह स्थान 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

ऐसा माना जाता है की रामेश्वरम की तर्थयात्रा के बिना बनारस की तीर्थ यात्रा अधूरी है।

द्वारका धाम (गुजरात राज्य)

द्वारका धाम भारत के पश्चिम में गुजरात राज्य में स्थित है। यह स्थान गोमती नदी (यह वाली गोमती नदी गंगा की सहायक नदी नहीं है) और अरब सागर के संगम पर स्थित है।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार द्वारका भगवान श्री कृष्ण की नगरी थी। श्री कृष्ण यहाँ के राजा थे। इतिहासकारों का मानना है कि द्वारका शहर समुद्र के समीप होने के कारण 6 बार जल-मगन हो गया था। आधुनिक समय में जो द्वारका शहर है वह सातवीं बार बना है।

पुरी धाम (उड़ीसा राज्य)

पुरी धाम भारत के पूर्व में उड़ीसा राज्य में स्थित है। इतिहासकारों के अनुसार पुरी भारत के पूर्व में स्थित सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। बंगाल कि खाड़ी के तट पर स्थित यह शहर भगवान जगन्नाथ का घर है। भगवान जगन्नाथ श्री विष्णु के रूप माने जाते हैं।

पुरी जगन्नाथ का मंदिर 1000 वर्ष पुराना है जिसे राजा गंगा देव और अनंग भीम देव तृतीय द्वारा बनाया गया था। यहाँ पर आदि शंकराचार्य जी द्वारा बनाये गए चार प्रमुख मठों में से एक गोवर्धन मठ स्थित है।

उत्तराखंड के छोटे चार धाम

उत्तराखंड में छोटे चार धाम भी हैं। इन धामों को चार स्थानों कि श्रृंखला आपस में जोड़ती है। सर्दियों में भरी बर्फ़बारी के कारण छोटे चार धाम की यात्रा बंद कर दी जाती है। यह छोटे चार धाम इस प्रकार हैं:

यमुनोत्री

उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित यह जगह यमुना नदी का स्त्रोत मानी जाती है। यह जगह सूर्य देव की पुत्री यमुना (यमुना नदी) को समर्पित है।

गंगोत्री

माँ गंगा (गंगा नदी) को समर्पित यह स्थान गंगा के स्त्रोत के रूप में जाना जाता है।

केदारनाथ

भगवान शिव को समर्पित यह स्थान 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

बद्रीनाथ

भगवान विष्णु को समर्पित यह स्थान मुख्य चार धाम का भी हिस्सा है।

निष्कर्ष

तो इस लेख में हमने हिंदुओं के पवित्र चार धाम किस राज्य में स्थित हैं? इसके बारे में जाना। आशा करता हूँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा और आपके ज्ञान में वृद्धि हुई होगी। कृप्या इस लेख को दूसरों के साथ भी साँझा करें।

स्वस्थ रहें, खुश रहें…

जय श्री कृष्ण!

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