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Gangaur Vrat Aarti Lyrics (गणगौर व्रत आरती)

Gangaur Vrat Aarti Lyrics (गणगौर व्रत आरती)

भारत एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी देश है। प्रत्येक राज्य का अपना अनूठा अनुभव, अपनी विरासत, परंपरा, संस्कृति, रंग और गर्मजोशी है। कोई भी दो राज्य समान नहीं हैं। चूंकि धर्म लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए यह स्पष्ट है कि देश में विभिन्न धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं। ये सभी त्यौहार संस्कृति को भी उजागर करेंगे। यदि आप राजस्थान राज्य की यात्रा करने जाते हैं, तो आपको गणगौर के रंगारंग त्योहार के उत्सव को देखने का मौका मिलता है।

गणगौर मुख्य रूप से राजस्थान के सीमावर्ती राज्य में मनाया जाने वाला एक अनुष्ठान है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात के कुछ इलाकों में गणगौर धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान महिलाएं भगवान शिव की पत्नी गौरी की पूजा करती हैं।

प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, यह त्योहार न केवल देवी पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए मनाया जाता है, बल्कि भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए भी मनाया जाता है। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि गणगौर उत्सव का नाम “गण” (शिव का दूसरा नाम) और “गनुरी” के नामों को जोड़कर लिया गया है जो स्पष्ट रूप से देवी गौरी का प्रतिनिधित्व करता है।

यह अनुष्ठान मुख्य रूप से प्रत्येक परिवार की महिलाओं द्वारा किया जाता है। देवी गौरी को भक्ति और सदाचार के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इस प्रकार, गणगौर को उनका सम्मान करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।

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Benefits of Gangaur Vrat Aarti (गणगौर व्रत आरती के लाभ)

इस त्योहार पर, विवाहित महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं और वैवाहिक सुख और अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक दिन का उपवास रखती हैं।

दूसरी ओर, अविवाहित महिलाएं एक अनुकूल और प्यार करने वाले जीवन साथी का आशीर्वाद पाने के लिए इस त्योहार को मनाती हैं। गणगौर व्रत कथा के बाद Gangaur Vrat Aarti (गणगौर व्रत आरती) करनी चाइये।

इस महत्वपूर्ण लेख को भी पढ़ें - Gangaur Vrat Katha In Hindi (गणगौर व्रत कथा)

Gangaur Vrat Aarti Lyrics (गणगौर व्रत आरती)

|| गणगौर व्रत आरती ||

जय पार्वती माता जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा,
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता,
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता,
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।

इस महत्वपूर्ण लेख को भी पढ़ें - Kali Aarti Lyrics (काली आरती)

Original link: One Hindu Dharma

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